What is WHO – डब्ल्यूएचओ क्या है और क्या काम करता है ?

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What is WHO and what WHO do in hindi –

साल 2020 में कुछ ही नाम जैसे हैंडवॉश, सैनिटाइजर और सोशल डिस्पेंसिंग के अलावा जो नाम बहुत बार लिया गया वो नाम था डब्ल्यूएचओ (WHO), जिसे किसी पहचान की जरूरत नहीं है. पेनेडेमिक के दौर में डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन्स की बदौलत ही पूरी दुनिया को इस बीमारी से बचाव के तरीके टाइम-टाइम पर पता चलते रहे. तो ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ को लेकर डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation) के कंसर्न से आप इस ऑर्गनाइजेशन के बारे में ये तो जरूर जान गए होंगे कि ये आर्गेनाईजेशन बेटर हेल्थ के लिए काम करती है. लेकिन डब्ल्यूएचओ का एरिया और विजन बहुत ही ब्रॉड है.

इसलिए क्यों ना हम आज डब्ल्यूएचओ के बारे में ही जान लें। तो चलिए दोस्तो आज डब्ल्यूएचओ के बारे में हम डिटेल में बात करते हैं। (What is WHO?) डब्ल्यूएचओ यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO or World Health Organisation), ये यूनाइटेड नेशंस की ऐसी स्पेशलाइज्ड एजेंसी है जो पूरी दुनिया की बेटर हेल्थ के लिए काम करती है। इसके डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एड हनोम घेब्र आइसिस है।

डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य है कि दुनिया के हर व्यक्ति को बेस्ट पॉसिबल हैल्थ मिल सके. और इसके लिए डब्ल्यूएचओ लगातार काम करता रहता है। इस ऑर्गनाइजेशन के 194 यानि कि वन हंड्रेड पोल मेंबर स्टेट्स है. डब्ल्यूएचओ का हेडक्वार्टर जिनेवा स्विटजरलैंड में है और सिक्स सेमी ऑटोनोमस रीजनल ऑफिसर्स अफ्रीका, अमेरिका, साउथ वेस्ट एशिया, यूरोप, इस्टर्न वेजिटेरियन और वेस्टर्न पैसिफिक के लिए है।

इनके अलावा डब्ल्यूएचओ के वन हंड्रेड फिफ्टी यानि की 150 बीट ऑफिसर्स वर्ल्ड वाइड फैले हुए हैं। डब्ल्यूएचओ के स्टाफ ने 7 हजार से भी ज्यादा लोग हैं जो इसके 150 ऑफिसर्स टेरिटोरियल, एरियाज, रीजनल ऑफिस, मलेशिया में स्थित ग्लोबल सर्विस सेंटर और जिनेवा हेडक्वार्टर में वर्क करते हैं। इसके स्टाफ में मेडिकल डॉक्टर्स के अलावा पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, साइंटिस्ट, एपिडेमियोलॉजीस्ट भी शामिल है।

डब्ल्यूएचओ 7 अप्रैल 1948 को इस्टेब्लिश (Establishment of WHO) हुआ था और आपको याद हो तो इसी दिन हम वर्ल्ड हेल्थ डे भी मनाते हैं। डब्ल्यूएचओ ना केवल ह्यूमन हेल्थ को प्रमोट करता है बल्कि पब्लिक हेल्थ रिस्क को मॉनिटर करना, हैल्थ इमरजेंसी भी रिस्पॉन्स देना और यूनिवर्सल हेल्थ केयर को सपोर्ट करने जैसी इम्पॉर्टेंट रिस्पांसिबिलिटी को भी पूरा करता है। डब्ल्यूएचओ रिसर्च (WHO research) के लिए भी रायफल स्टैंडर्ड सेट करता है और रिसर्च प्रायोरिटी को आइडेंटिफाई करना और रिसर्च को कंडक्ट और प्रमोट करना भी इसकी रिस्पांसिबिलिटी में शामिल है.

क्योंकि हर व्यक्ति तक हेल्थ पहुंचाने के लिए हेल्थ रिलेटेड रिसर्च भी बहुत ही जरूरी होती है। डब्ल्यूएचओ ने स्मॉल पॉक्स को खत्म करने, पोलियो को दूर करने और इबोला की वैक्सीन बनाने जैसे बहुत से अचीवमेंट अपने नाम किए हैं और प्लेग और जीका वायरस से निपटने में भी डब्ल्यूएचओ का बहुत बड़ा हाथ रहा है। येलो फीवर वैक्सिनेशन, यमन और नाइजीरिया क्राइसिस में बच्चों को पोलियो वैक्सीन लगाना और सोमालिया क्राइसिस में कॉलरा को कंट्रोल करना डब्ल्यूएचओ के बहुत से अचीवमेंट में से कुछ है। इस मॉर्डनाइजेशन की प्रायरिटी फेज में एचआईवी, एड्स, इबोला, मलेरिया, ट्यूबरकुलोसिस जैसे कम्युनिकेबल डिजीज एस और हार्ट डिजीज कैंसर जैसी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज भी रहती हैं ताकि जल्द से जल्द इन्हें कंट्रोल में लाया जा सके और मिटाया भी जा सके।

इसके अलावा डब्ल्यूएचओ हेल्दी डाइट न्यूट्रिशन और फूड सिक्योरिटी के फील्ड में भी वर्क करता है। डब्ल्यूएचओ अच्छी हेल्थ के लिए हवा, खाना, पानी, दवा और वैक्सीन हर चीज की सेफ्टी पर वर्क करता है क्योंकि इन सब से मिलकर करके ही बेहतर सेहत पाई जा सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हेल्थ का मतलब केवल बीमारी या कमजोरी होने से नहीं है बल्कि कंप्लीट फिजिकल मेंटल और सोशल वेलनेस (social wellness) है। डब्ल्यूएचओ को जो फंड मिलता है उसमें वॉलेंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन में सबसे ज्यादा फंड आता है, जो मेंबर इस स्टेटस के जरिए भी आ सकता है और एनजीओ के जरिए भी इसके बाद ऐसे कंट्रीब्यूशन आते हैं जिसे मेंबरशिप पेज कहा जा सकता है.

जो हर कंट्री अपने फाइनेंशियल हेल्थ और पॉप्युलेशन के बेस पर डब्ल्यूएचओ को देती है। सबसे ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन यूएसए का होता है। इंडिया डब्ल्यूएचओ का पार्ट 12 जनवरी 1948 को बना और डब्ल्यूएचओ का इंडिया में हेडक्वार्टर दिल्ली में है। इंडिया में हेल्थ को बेहतर बनाने में डब्ल्यूएचओ गांव में इंडिया को ऐसे एरियाज में सपोर्ट कर रहा है जैसे कि आयुष्मान भारत को इंप्लीमेंट करना। हेल्थ सेक्टर परफॉर्मेंस को मॉनिटर और इवैल्युएशन करना मेडिसिनल और चाइल्ड हेल्थ (child health) ट्यूबरकुलोसिस और हेपटाइटिस के लिए अवेलेबल हेल्थ सर्विसेज को इंप्रूव करना एयर पल्यूशन सहित एनवायरमेंटल हेल्थ को बेहतर करना मेंटल हेल्थ को प्रमोट करना और सुसाइड से बचाव करना और न्यूट्रिशन और फूड सेफ्टी पर ध्यान देना, रोड सेफ्टी, टोबैको कंट्रोल और हेल्थ सेक्टर में इंडिया की लीडरशिप को स्ट्रॉन्ग बनाना.

कोरोना के मामले में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की बात करें तो 11 मार्च 2020 को डब्ल्यूएचओ ने नोबेल कोरोना वायरस डिजीज यानी कोविड  को पेनेडेमिक डिक्लेयर किया था और देशों से तुरंत ऐक्शन लेने और लोगों की जान बचाने के लिए ट्रांसमिशन को डिटेक्ट करने और उसे फैलने से रोकने का मैसेज भी दिया था। डब्ल्यूएचओ ने अपने ऊपर डब्ल्यूएचओ प्लैटफॉर्म के जरिए मिलियन हेल्थ वर्कर्स को ट्रेंड भी किया और दुनिया के लीडिंग रिसर्चर्स को एक साथ लाकर वैक्सीन रिसर्च का काम शुरू किया। डब्ल्यूएचओ ने देशों की लगातार मदद की ताकि वे कोविड 19 के स्प्रेड को रोक सकें और इससे बचाव की तैयारी कर सकें। डब्ल्यूएचओ ही वह हेल्थ एजेंसी है जिसने इस पेनेडेमिक पर पैनिक क्रिएट करने वाले मिथ को तोड़ा और एकदम सही इंफॉर्मेशन देकर दुनिया को मिसगाइड होने से बचाया।

डब्ल्यूएचओ ने 133 कंट्रीज के हेल्थ वर्कर्स तक 4 मिलियन से भी ज्यादा पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स भी पहुंचाई हैं और सबको बेहतर हेल्थ प्रोवाइड कराने और पेनेडेमिक से बचाव कराने के लिए डब्ल्यूएचओ के एफर्ट जारी हैं, जो दुनिया में इस ऑर्गनाइजेशन की जरूरत और दुनिया की बेहतर सेहत बनाए रखने में इसके इम्पॉर्टेंट कंट्रीब्यूशन को शो करती है. तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने बात की WHO क्या होता है (what is WHO?) के बारे में.

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