भारत के 10 सबसे अधिक बेरोजगारी वाले राज्य Top 10 most unemployed states in India

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दोस्तों ! हम सभी यह जानते ही हैं कि भारत के किसी राज्य में जब भी कभी चुनाव होते हैं तो हर पार्टी के अपने अलग-अलग मुद्दे होते हैं. लेकिन उन मुद्दों में से एक मुद्दा ऐसा भी होता है जिसे हर पार्टी उठाती है और वो मुद्दा है बेरोजगारी का. बेरोजगारी आज के समय में भारत में एक विकट समस्या बन गई है.

कोरोना महामारी के बाद से भारत में बेरोजगारी और भी ज्यादा बढ़ी है, जिसने शहरों से लेकर गांव के लोगों तक को परेशान करके रख दिया है, तो चलिये हम आपको बताने वाले हैं भारत के उन राज्यों के बारे में जहां बेरोजगारी सबसे ज्यादा है.

10. पंजाब 7.2 प्रतिशत : पंजाब के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा. यह भारत के ब्रेड बास्केट के तौर पर पहचाना जाता है क्योंकि यहां पर भारत की सबसे ज्यादा गेहूं का पैदावार होता है जो कि पंजाब की इकॉनमी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. लेकिन जब बात बेरोजगारी की आती है तो पंजाब का नाम भी भारत के उन राज्यों में गिना जाता है जहां पर बेरोजगारी दर बहुत ही ज़्यादा है. हालांकि पिछले कुछ समय में पंजाब की बेरोजगारी दर में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि जहाँ एक तरफ पिछले साल यानि की फरवरी 2020 में पंजाब की बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत थी वहीं साल फरवरी 2021 में पंजाब की बेरोजगारी दर करीब 7.2 प्रतिशत की रह गई है. जो बताता है कि पंजाब में अब हर सौ व्यक्ति पर करीब 7 व्यक्ति बेरोजगार हैं. खैर ये आंकड़ा आपको कम जरूर लग सकता है लेकिन मौजूदा समय में 3.05 करोड़ जनसंख्या के साथ पंजाब में फिलहाल कुल 21 लाख से ज़्यादा लोग बेरोजगार हैं जो एक बहुत ही बड़ी संख्या है.

9. दिल्ली 8 प्रतिशत : इतना तो आप सभी जानते ही होंगे कि पिछले साल यानि कि 2020 में कोरोना के चलते पूरे देश में बहुत से लोगों को अपना रोजगार खोना पड़ा था. देश की राजधानी भी उस समय इस समस्या से अछूती नहीं थी. एक बड़ा राज्य और राजनीति का प्रमुख गढ़ होने की वजह से दिल्ली में बेरोजगारी का आंकड़ा बहुत ही ज़्यादा है. पर अगर पिछले साल मतलब फरवरी 2020 के मुकाबले दिल्ली की बेरोजगारी दर निकाली जाए तो उसमें काफी गिरावट आई है क्योंकि महामारी के पहले जहां फरवरी 2020 में दिल्ली की बेरोजगारी दर 14.8 प्रतिशत थी. तो वहीं आज फरवरी 2021 में दिल्ली की बेरोजगारी दर करीब 8 प्रतिशत की रह गई है. जो दिखाता है कि देश के साथ धीरे-धीरे दिल्ली भी बेरोजगारी की समस्या से उभर रही है. हालाँकि दिल्ली के लिए अभी भी एक बड़ी समस्या है क्योंकि दिल्ली की जनसंख्या आज करीब 3.2 करोड़ है. जिस वजह से यहाँ फरवरी माह में लगभग 24 लाख लोग बेरोजगार थे.

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8. त्रिपुरा 11.1 प्रतिशत : भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक त्रिपुरा नॉर्थईस्ट इंडिया का एक पहाड़ी इलाके वाला राज्य है जो कि अपनी सुन्दरता, ट्राइबल कल्चर और धर्म विविधता की वजह से भारत ही नहीं बल्कि देश दुनिया में जाना जाता है. लेकिन क्या आप सभी को पता है कि लगभग 42 लाख की जनसंख्या वाला त्रिपुरा भी आज बेरोजगारी से जूझ रहा है. क्योंकि आज के समय में त्रिपुरा के अंदर बहुत ही ज़्यादा बेरोजगारी है. अगर मौजूदा हालात में 2021 के फरवरी माह में त्रिपुरा की बेरोजगारी दर को देखा जाए तो फरवरी में त्रिपुरा के अंदर करीब 11.1 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे. मतलब वहां की जनसंख्या के हिसाब से करीब साढ़े तीन लाख लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. हालांकि पिछले एक साल से इस आंकड़े में गजब की गिरावट आई है क्योंकि साल 2020 के फरवरी महीने में त्रिपुरा की करीब 27.4 प्रतिशत आबादी बेरोजगार थी.

7. बिहार 11.5 प्रतिशत : अगर भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्यों की बात की जाए तो उनमें बिहार का नाम भी आता है क्योंकि मौजूदा समय में बिहार की जनसंख्या करीब 12.84 करोड़ से भी ज्यादा है. अब जब इतनी जनसंख्या है तब ये तो निश्चित सी बात है कि यहां पर बेरोजगारी भी बहुत ज्यादा होगी. करुणा काल के बाद से बिहार की हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो गई है क्योंकि जहां एक तरफ फरवरी 2020 में बिहार के अंदर महज़ 10.7 प्रतिशत लोग ही बेरोज़गार थे. तो वहीँ दूसरी तरफ साल 2021 के फरवरी माह में बिहार के अंदर करीब 11.5 प्रतिशत लोग बेरोजगार हो गए हैं. जो ज़ाहिर तौर पर इस बात को साबित करता है कि कोरोना ने बिहार की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. अगर हम जनसंख्या की दृष्टि से बिहार की तरफ देखें तो फरवरी माह में बिहार के अंदर क़रीब 1 करोड़ 47 लाख लोगों से ज़्यादा लोग बेरोजगार थे जो कि एक बहुत ही बड़ा आंकड़ा है. हालांकि इसके लिए सिर्फ़ महामारी ही ज़िम्मेदार नहीं है बल्कि कहीं न कहीं बिहार की सरकारें भी ज़िम्मेदार हैं.

6. झारखंड 12.1 प्रतिशत : एक समय पर झारखंड राज्य बिहार का ही हिस्सा हुआ करता था, पर बढ़ती जनसंख्या और वंचित विकास ने झारखंड को एक अलग राज्य की दहलीज़ पर लाकर खड़ा कर दिया. वर्ष 2000 में आखिरकार झारखंड को एक अलग राज्य बना दिया गया. हालांकि मौजूदा समय में इसका कोई फायदा नज़र नहीं आ रहा है क्योंकि बिहार से अलग होने के बाद जहां झारखंड के अंदर रोज़गार के अवसर पैदा होने थे. उसके उलट झारखंड बेरोज़गारी के मामले में बिहार से भी आया क्योंकि मौजूदा साल यानी कि 2021 के फरवरी महीने तक झारखंड में करीब 12.1 प्रतिशत लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. मतलब झारखंड के अंदर हर सौ व्यक्ति में 12 व्यक्ति बेरोजगार हैं. कोरोना महामारी से ठीक पहले यानि की फरवरी 2020 में भी झारखंड के अंदर 11.8 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे जो कि जनसंख्या के आधार पर करीब 3 लाख 70 हजार लोगों से भी ज्यादा है.

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5. जम्मू और कश्मीर 14.2 प्रतिशत : जम्मू कश्मीर को भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक माना जाता है क्योंकि यहां की सुंदरता देखते ही बनती है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35 ए को हटाया गया है, तभी से जम्मू कश्मीर के अंदर रोजगार के नए नए माध्यम खुले हैं. उसने भारत सरकार की योजनाओं के तहत नई उड़ान भी पकड़ी है. इस बात को कहीं न कहीं फरवरी 2021 की बेरोजगारी दर के आंकड़े भी साबित करते हैं क्योंकि जहां 2020 के फरवरी माह में जम्मू कश्मीर के 20.8 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे तो वहीं आज फरवरी 2021 में ये दर कम होकर लगभग 14.2 प्रतिशत रह गया है जो बताता है कि जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों ने गति पकड़ी है. वहां रोजगार भी पैदा हो रहा है जो कि वहां के युवकों के लिए एक अच्छी खबर है. आज जम्मू-कश्मीर की आबादी के हिसाब से वहां करीब 14 लाख से ज्यादा लोगों को बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है.

4. हिमाचल प्रदेश 15.1 प्रतिशत : अगर आप सभी जिंदा रहते हुए स्वर्ग की यात्रा करना चाहते हैं तो आप को भारत के सबसे सुंदर राज्य यानि की हिमाचल प्रदेश को जरूर जाना चाहिए. क्योंकि इस राज्य की तुलना धरती के स्वर्ग से की जाती है. हालांकि हिमालय से सटे होने की वजह से हिमाचल में बहुत ही ज्यादा ठंड पड़ती है, जिस वजह से बहुत सी कंपनी हिमाचल आने से कतराती हैं जो कि यहां बेरोजगारी की समस्या को जन्म देता है. मौजूदा समय में देखा जाए तो 2021 के फरवरी माह तक हिमाचल की कुल आबादी से लगभग 15 .1 प्रतिशत लोग यानि की करीब 11 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. हालांकि ये आंकड़ा पिछले साल के फरवरी माह के मुकाबले थोड़ा कम है क्योकि फरवरी 2020 में हिमाचल के अंदर करीब 16.8 प्रतिशत लोग बेरोजगार थे. मतलब हर सौ लोगों पर 17 लोग जो एक कम जनसंख्या वाले राज्य के हिसाब से बहुत ही ज्यादा बड़ी दर थी. हिमाचल से बहुत से लोगों का मानना है कि अगर विदेशी पर्यटकों तक हिमाचल की जानकारी पहुंच जाए और हिमाचल उनके दायरे में आ जाए तो हिमाचल में और भी ज्यादा रोजगार पैदा हो जाएंगे और इस बेरोजगारी से निपटा जा सकेगा.

3. गोवा 21.1 प्रतिशत : गोवा भारत का तीसरा ऐसे राज्य हैं जहां बेरोजगारी बहुत ज्यादा है. जी हां अक्सर अपने समुद्र तटों और विदेशी पर्यटकों के लिए जाना जाने वाला गोवा कहीं न कहीं उचित विकास से वंचित है. क्योंकि मौजूदा समय यानि की फरवरी 2021 तक गोवा के अंदर बेरोजगारी बहुत ही ज्यादा बढ़ी है. शायद इतनी ज्यादा कि आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि महामारी के भारत आगमन के पहले गोवा में बेरोजगारी महज 2.8 प्रतिशत थी तो वहीं आज फरवरी 2021 में इसमें करीब 19 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है और अब ये दर 21.1 प्रतिशत हो गई है. मतलब जहां 2020 में सौ में से महज तीन लोग बेरोजगार थे तो अब 2021 में हर सौ में से 21 लोग बेरोजगार हैं. गोवा की जनसंख्या के हिसाब से ये आंकड़ा बहुत ज्यादा है क्योंकि आज गोवा की जनसंख्या करीब 15 लाख से ज्यादा है और इस 15 लाख में 3 लाख 16 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं जो कि असल में बहुत ज्यादा बड़ा आंकड़ा है. हालांकि लोगों के पास रोजगार ना होने का प्रमुख कारण विदेशी सैलानियों की कमी ही है क्योंकि कोरोना के कारण लोग नहीं आ रहे हैं.

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2. राजस्थान 25.6 प्रतिशत : अक्सर अपने प्राचीन इतिहास और यूनीक कल्चर की वजह से भारत समेत दुनियाभर में जाना जाने वाला राजस्थान भारत के उन राज्यों में गिना जाता है, जहां बेरोजगारी बहुत ही ज्यादा है, जी हां इस लिस्ट में राजस्थान दूसरे स्थान पर है क्योकि जहां राजस्थान के अंदर फरवरी 2020 में बेरोजगारी दर 15.2 प्रतिशत थी तो वहीं इसी साल यानि की फरवरी 2021 में ये दर लगभग दोगुनी मतलब की 25.6 प्रतिशत हो गई है. आज राजस्थान में करीब दो करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं. चूंकि वहां की कुल जनसंख्या 8.10 करोड़ के हिसाब से बहुत ज्यादा है. खैर जो भी हो पर बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि ये महामारी के अलावा सरकार की नाकामी का भी नतीजा है.

1. हरियाणा 26.4 प्रतिशत : सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्यों की इस लिस्ट में पहला स्थान हरियाणा का है, क्योंकि बेरोजगारी के मामले में भारत के हर राज्य से बहुत ज्यादा आगे है. भारत की आजादी के पूरे 19 साल बाद बने हरियाणा की बेरोजगारी को लेकर हालात कुछ ठीक नहीं हैं. आप सभी को जानकर हैरानी होगी कि अपने कृषि क्षेत्र और खेलों के लिए मशहूर हरियाणा की बेरोजगारी दर फरवरी 2001 में करीब 26.4 की रह गई है. ये बढ़ती हुई दर वहां की सरकार की नाकामी का नतीजा है और ऐसा इसलिए क्योंकि फरवरी 2020 में भी हरियाणा में बेरोजगारी करीब 25.8 प्रतिशत थी. आजकल जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो हरियाणा में मौजूदा समय में करीब 2.90 करोड़ लोगों में से क़रीब 76 लाख से ज़्यादा लोग बेरोजगार बैठे हैं. ये आंकड़ा आपको सुनने में कम लग सकता है पर 2 करोड़ से ज़्यादा जनसंख्या के हिसाब से ये वाकई में बहुत ज्यादा है.

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