चाणक्य के अनुसार बिजनेस शुरू करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

Keep these things in mind before starting a business

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दोस्तो ! लगभग 2400 वर्ष पहले ऋषि चणक नाम के एक अध्यापक के घर एक बालक का जन्म हुआ जिसका नाम चाणक्य रखा गया। बुद्धिमत्ता, चतुराई और कूटनीति में पारंगत ये बालक आगे चलकर अपनी चतुर नीतियों और कुटिल चालों के कारण कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना गया। आचार्य चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र और नीति शास्त्र को बेस बनाकर आज तक विश्व भर में हजारों किताबें लिखी जा चुकी हैं और आज हजारों वर्षों के बाद भी सफलता और जीत के लिए उनकी नीतियां उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 2400 वर्ष पहले थीं जिनसे आज भी हर व्यक्ति कुछ न कुछ सीख सकता है। फिर वो चाहे औरत हो या मर्द, स्टूडेंट हो या Businessman, राजनेता हो या संन्यासी। आज भी बड़े-बड़े मैनेजमेंट स्कूलों में पढ़ाए जा रहे बहुत से नियम उनकी 2400 वर्ष पहले अपनाई और बताई गयी नीतियों से मिलते जुलते से लगते हैं यानी नियमों से प्रेरित लगते हैं। उनकी नीतियों में सफल जीवन जीने का एक पूरा जीवन शास्त्र समाया है। उनकी इन्हीं नीतियों पर चल, उन्होंने एक साधारण बालक को सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य बना दिया था और इन्हीं नीतियों से टुकड़ों में बटे राज्यों को एक कर अखंड भारत की नींव रखी थी। भारतीय इतिहास के इस महान, चतुर और बुद्धिमान आचार्य चाणक्य की कुछ खास नीतियों और नियमों के बारे में जानेंगे, जो आपके Business और आपके जीवन को बेहतर और सफल बनाने में आपकी मदद करेंगे। तो आइये जानते है सफल Business के नियम या फिर Business को सफल बनाने के तरीकों के बारे में।

1. दोस्तों किसी भी Business की शुरुआत से पहले आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको स्वयं से 3 प्रश्नों के जवाब मांगने चाहिए। मुझे क्या करना है? यानी कि आपको आपका लक्ष्य एकदम स्पष्ट होना चाहिए। इस काम को करने से क्या मिलेगा? अगर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं तो आपको क्या मिलने वाला है। जो मिलेगा उसकी कीमत क्या होगी? यानि की उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आपको उसकी क्या कीमत चुकानी पड़ेगी। क्या आप कीमत चुकाने के लिए तैयार है। यहां कीमत से मतलब है परिश्रम, जोखिम और मुश्किलें। क्या आप इन सबके लिए तैयार हैं और यदि आसान से दिखने वाले इन तीन प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर आप नहीं ढूंढ पाते तो आपको अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। खुद का और परिणामों का आंकलन किए बिना किसी काम की शुरुआत करना सही निर्णय नहीं है और यदि आपको अपनी सीमाएँ अपने लक्ष्य और परिणाम स्पष्ट हैं तो आप अपने कार्य की शुरुआत कुशलता से कर सकते हैं।
2. कोई भी नया Business शुरू करते समय सकारात्मक सोच और स्थिर मन का होना बेहद जरूरी है क्योंकि नकारात्मक सोच और अस्थिर मन से कोई भी Business सफल नहीं हो सकता। चूंकि जब भी आप कोई नया Business शुरू करते हैं तो शुरुआत में बहुत सी समस्याएं आती हैं। पर यदि आप नकारात्मक सोच रखते हैं तो हर समस्या हर मुश्किल आपको मुसीबत लगेगी और यदि आप सकारात्मक सोच रखते हैं तो हर मुश्किल एक चुनौती और हर चुनौती में आपको नए अवसर दिखाई देंगे। इसलिए सकारात्मक सोच ही आपको सफलता का मार्ग ढूंढने में आपकी मदद कर सकती है।
3. आपको अपने सीक्रेट्स किसी को नहीं बताने चाहिए। अक्सर लोग काम की शुरुआत से पहले ही उसका ढिंढोरा पीटना शुरू कर देते हैं और चाणक्य का कहना है कि जब आप कोई नया काम शुरू करने लगें तो उसकी सूचना बाहर के उन लोगों को बिल्कुल न दें जिन्हें बताने से आपको अपने लक्ष्य में कोई लाभ नहीं मिलने वाला। यह राज आपके दिल में ही रखी क्यूंकि यदि आप अपने कार्य में सफल होते हैं तो आपकी सफलता की गूंज स्वयं ही उन सब तक पहुंच जाएगी और यदि आप किसी कारण असफल होते हैं तो कम से कम यह राज आप तक ही सीमित रहेगा। परंतु इसी नियम में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आप शादीशुदा है तो नया काम करने से पहले अपने जीवनसाथी से सलाह जरूर ले लें। यदि जीवन साथी आपके Business के विषय में कोई खास जानकारी नहीं रखता तो कम से कम उसे इस विषय में कुछ जानकारी अवश्य दें। यानि की बाहर वालों को बताएं नहीं और घरवाली से छुपाएं नहीं। सदा सुखी रहेंगे।
4. कोई भी Business शुरू करते वक्त किस समय शुरू करना है, कहां शुरु करना है, वहां के लोग कैसे हैं ये अच्छे से सोच विचार कर लेना चाहिए।
5. मुश्किल की घड़ी में आपका भागीदार कौन होगा और कौन आपकी मदद कर सकता है यह भी पहले से ही जान लेना बेहद जरूरी है क्योंकि Business में सभी कुछ अच्छे से कैलकुलेट करने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों की अनिश्चितता हर दम बनी रहती है जिसके लिए आपको पहले से ही तैयार रहना चाहिए। यानि कि आपके पास सपोर्टिंग प्लान पहले से ही तैयार होना चाहिए।
6. जब आप Business शुरू करते हैं तो आपको हर रोज कई तरह के लोगों से कई तरह के डिपार्टमेंट से काम के सिलसिले में मुलाकात करनी पड़ती है। उस दौरान आपका अपनी वाणी पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। जहां एक ओर मीठा बोलकर आप अपने कई काम आसानी से निकाल सकते हैं वहीं दूसरी ओर कड़वा बोलकर आप अपने कई बने बनाये काम बिगाड़ भी सकते हैं। इसलिए वाणी पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है क्यूंकि शब्दों के बाण एक बार छूट जाएं तो फिर वापिस नहीं आते।
7. इस संसार में सीधे वृक्ष और सीधे लोग ही सबसे पहले काटे जाते हैं अर्थात इमानदार होना चाहे लेकिन इतना भी नहीं कि अन्य लोग आपकी ईमानदारी का फायदा उठा कर आपको नुकसान पहुंचा दें। दूसरे शब्दों में स्वयं की ईमानदारी को बचाए रखने के लिए बेईमानी के सारे पैंतरे पता होना बेहद जरूरी है वरना आपकी ईमानदारी को आपकी कमजोरी समझ कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
8. आचार्य चाणक्य के आठवें नियम के अनुसार Business को लंबे समय तक चलाने के लिए गुडविल का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्यूंकि गुडविल ही है जो आपकी मार्केट का विस्तार करती है। उदाहरण के तौर पर 1995 में सैमसंग को जब पता चला कि उनके एक मोबाइल में तकनीकी प्रॉब्लम है तो उन्होंने मार्केट से सभी मोबाइल वापिस उठा लिए। कंपनी के चेयरman ली ने अपनी कंपनी के सभी इम्प्लॉइज को इकट्ठा किया और उनके सामने लगभग एक लाख पचास हजार मोबाइल नष्ट कर उन्हें आग में फेंक दिया जो एकदम स्पष्ट संदेश था कि कंपनी क्वालिटी के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी और इस संदेश ने उनकी गुडविल को न केवल बरकरार रखा बल्कि विस्तार में भी मदद की। यानि की अगर आप क्वालिटी से समझौता नहीं करते तो आपकी गुडविल Business के विस्तार और सफलता में मदद करती है।
9. अच्छे दिन हों या बुरे दिन हर परिस्थिति में धैर्य रखना बेहद जरूरी है।
10. अगर आप Business कर रहे हैं तो Business में जरूरत पड़ने पर हार्ड डिसीजन और रिस्क लेने के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए।
11. जहां तक हो सके Business की शुरुआत में बड़े खर्चे न पालें। जैसे कि आप अपनी दूध की ज़रूरत के लिए गाय या भैंस नहीं पालते। उसी प्रकार अगर बहुत जरूरी न हो तो Business की शुरुआत में बड़ी मशीनरी खरीदने और बड़े खर्चों को पालने से बचना चाहिए।
12. Business में आय और व्यय का सही से हिसाब किताब रखना और उसका नियमित आंकलन करना भी बेहद ज़रूरी है।
13. Business में छोटी छोटी कमजोरियों को नजरअंदाज ना करें क्योंकि जिस प्रकार कमजोर शख्स किसी बिच्छू के डंक से ज्यादा खतरनाक वार कर सकता है वहीं किसी काम से जुडी एक छोटी सी कमजोरी भी पूरी योजना को विफल कर सकती है। Business से जुडी हर छोटी या बड़ी बात कमजोर या मजबूत चुनौती पर समान रूप से निगाह रखनी चाहिए।
14. नया काम प्रारंभ करते समय हर कोई जोश में होता है। नये काम में मेहनत भी काफी लगती है। शरीर के साथ साथ मानसिक क्षमता भी बहुत रखती है, ऐसे में सेहत का बिगड़ना संभव होता है। चाणक्य के अनुसार काम करते समय सेहत का ख्याल रखेंगे तो नुकसान से बचे रहेंगे।
15. Business का मतलब है रिस्क और रिस्क लेने पर यदि आप असफल होते हैं तो न तो दुखी हो और न ही इसके लिए कोई बहाने ढूंढे। बेहतर होगा आप अपनी गलतियों से सीखें और भविष्य में उन्हें सुधारते हुए आगे बढ़ें।

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